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सड़क किनारे लगे हरे पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई,अधिकारियों की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

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बेगूसराय :हरेराम दास- पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर एक तरफ वन विभाग, मनरेगा व अन्य योजनाओं के तहत पेड़ पौधे लगाने का काम जारी है। सरकार अरबों रुपये ख़र्च कर रही है। लेकिन उचित रखरखाव के अभाव में अधिकांश पौधे सूख जा रहे हैं, वहीं बच्चे खुचे पेड़ों की कटाई विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से हो रही है।
ताजा मामला बेगूसराय जिले के बलिया- डंडारी प्रखंड के बांक सड़क किनारे में लगे हरे वृक्षों की है। खास बात यह है कि वन विभाग के अधिकारी ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद इसके रोकथाम में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, इसका वजह क्या है इसकी पड़ताल तो विभाग के उच्चाधिकारियों की जांच से ही स्पष्ट हो पाएगा।

वृक्ष काटने को लेकर नहीं ली जा रही अनुमति

जिले के बलिया प्रखंड क्षेत्र में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर पेड़ों को बचाने का निर्देश महज कागजों पर ही सिमटा दिखाई देता है। जानकारों की मानें तो आरा मिल मालिकों के संपर्क में रहने वाले लोग जब भी मौका मिलता है हरे-हरे वृक्षों को काटकर तरह-तरह के सामान बनाने में लगे हैं। इससे प्रखंड क्षेत्र में वृक्षों की संख्या लगातार घटती जा रही है।

मुखिया प्रतिनिधि का बयान

बाक पंचायत के मुखिया अमरजीत साहनी के द्वारा मनरेगा में लगे वृक्ष को अवैध तरीके से कटाई करने की भी बात स्वीकार की है। उन्होंने दूरभाष पर कहा कि बगल के गांव में ही रामधुनी का आयोजन किया जाएगा। जिसमें  वृक्ष के कटे भाग का उपयोग रामधुनी के कार्य में लगाया जाएगा। इसीलिए ग्रामीणों के सहयोग से वृक्ष को काटकर लाया गया।

क्या कहते हैं डीएफओ पदाधिकारी

बांक में पेड़ों की कटाई को लेकर ध्यान आकृष्ट कराते हुए पूछे गए सवाल पर वन विभाग के बेगूसराय डीएफओ संजय कुमार सिंह ने मोबाइल पर कहा कि अंचल के अंचलाधिकारी को इसकी सूचना दीजिए।
उन्होंने कहा कि अगर जांच के दौरान कट रही पेड़ वन विभाग के दायरे में आएगी तो जरूर कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति इस तरह की गैर कानूनी ढंग से वृक्ष को काटा गयाा तो उस पर फॉरेस्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी । हालांकि उन्होंने माना कि नियमानुसार किसी भी व्यक्ति को वृक्ष काटने से पहले वन विभाग के अधिकारियों की अनुमति आवश्यक है। ऐसा इसलिए भी है कि कोई भी व्यक्ति पर्यावरण को खतरा ना पहुंचाएं और हरे वृक्षों की कटाई ना करें। हालांकि यह पूछे जाने पर कि आखिर किस परिस्थिति में प्रखंड क्षेत्र में इतने आरा मिल अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं तो डीएफओ कुछ कहने से असमर्थ दिखे।

जानकारों के मुताबिक बलिया प्रखंड क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे आरा मिल द्वारा हरे-भरे वृक्षों को काटकर पर्यावरण को खतरा पहुंचाने का काम जारी है।

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