बचाव पक्ष ने विचारण के क्षेत्राधिकार पर प्रश्न उठाया बताया कि घटना फरीदाबाद हरियाणा की तो विचारण बेगूसराय बिहार में क्यों?
FP LIVE: BEGUSARAI- फास्टट्रैक द्वितीय के पीठासीन पदाधिकारी प्रेमचंद पांडेय ने दहेज हत्या मामले के आरोपित पति समस्तीपुर जिले के विद्यापति नगर निवासी गौरीशंकर प्रसाद को भारतीय दंड विधान की धारा 304 बी में दोषी पाकर 7 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसी मामले के अन्य आरोपी ससुर गंगा प्रसाद दास एवं सास सुमित्रा देवी को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया।अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक मनोज कुमार ठाकुर ने कुल 10 गवाहों की गवाही कराई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता रविंद्र प्रसाद सिंह ने अपना पक्ष रखा । सजा के बिंदु पर सुनवाई वक्त बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने न्यायालय में अपनी दलील रखी की घटना फरीदाबाद हरियाणा की है तो इस मामले का विचारण वहां होनी चाहिए ना कि बेगूसराय क्षेत्राधिकार में क्योंकि आरोपित ने अपने पत्नी के गुमशुदगी की शिकायत हरियाणा राज्य अंतर्गत फरीदाबाद जिला मे दर्ज कराई है ।आरोपित पर आरोप है कि फुलवरिया थाना के बारो निवासी सूचक सुचिंद्र दास की बहन सावित्री देवी को दहेज नहीं लाने के कारण 22 मई 2000 से लेकर 30 मई 2000 तक प्रताङित कर उसकी हत्या कर लाश को गायब कर दिया। घटना की प्राथमिकी सूचक ने फुलवरिया थाना कांड संख्या 41/2000 के तहत दर्ज कराई है।
राजेश सिंह, विधि संवाददाता