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हर रोज 100 गरीबों को खाना खिला रहा है “साई की रसोई”का आज 500 दिन हुए पूरे।

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FP LIVE- हरेराम दास: बिहार के बेगूसराय जिला में साईं की रसोई द्वारा सदर अस्पताल के सामने स्वर्ण जयंती पुस्तकालय के पास हर रोज शाम को 6 से 7 बजे के बीच बेसहारा लोगों को खाना खिलाया जाता है। इस नेक काम की शुरुआत एक साई की रसोई टीम ने की और “साईं की रसोई” द्वारा सदर अस्पताल में इलाजरत मरीजों व उनके परिजनों के साथ ही जरूरतमंदों को 5 रुपये में रात्रि भोजन मुहैया कराया जा रहा है। साईं भक्तों और सामाजिक सरोकार रखने वाले युवाओं की ओर से 29 अगस्त 2019 से चलाई जा रही इस मुहिम ने बिना रुके रविवार को अपने 500 दिन पूरे कर लिए । उनकी इस मुहिम में बहुत से लोग जुड़े हुए हैं। हर दिन 50 से लेकर 100 लोग साई रसोई पर खाना खाने आते हैं। सबसे पहले चट्टी रोड स्थित शंकर शाह के यहाँँ टीम के सदस्य खाना बनाते हैं और फिर हर रोज शाम को 6 और 7 बजे के बीच सदर अस्पताल के समीप स्वर्ण जयंती पुस्तकालय पहुँचते हैं।

कहते हैं- अगर आप सच में कुछ बदलाव लाना चाहते हैं, तो आपको रास्ता मिल ही जायेगा।

साई की रसोई टीम के संस्थापक नीतेश रंजन ने बताया कि चट्टी रोड निवासी किशन गुप्ता जो नेशनल डिफेंस एकेडमी ऑफिसर है यह लगभग 2 सालों से प्लानिंग कर रहे थे। इस कार्य को चलाने के लिए कई तरह के विचार विमर्श  किया गया । उसके बाद साईं की रसोई  टीम बनाकर फिर चलाने का निर्णय लिया गया वहीं किशन गुप्ता ने कहां की यह टीम पिछले लगभग दो साल से अधिक यह कार्य कर रहे हैं। लेकिन यह प्रेरणा यूपी के नोएडा में भोजन 5 रुपये में जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने वाले दादी की रसोई से प्रेरणा मिली है। इसीलिए हमने सोचा बेगूसराय में भी जरूरतमंद लोगों को ₹5 में खाना खिला कर नेक काम करना चाहिए।

टीम का मुख्य उद्देश्य है कि इन ज़रूरतमंद लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ खाना मिले। सोमवार से लेकर रविवार तक,यानी हफ्ते के आठों दिन और कहें तो महीनों के 30 दिन उनकी यह मुहिम चलती है। आंधी हो तूफान, बरसात हो गर्मी , ठंडी कितनी भी पड़ जाए यह मुहिम रुकती नहीं है  साई की रसोई टीम के द्वारा चलती रहती है।

उन्होंने कहा 29 अगस्त 2019 में मैंने एक सामाजिक संगठन साई की रसोई टीम’ की शुरुआत की गई। फिर सामाजिक कार्यकर्ताओं के आर्थिक सहयोग से साईं की रसोई की शुरुआत की गई। संयोजक किशन गुप्ता ने बताया कि महंगाई की वजह से समाज में आज भी ऐसे कई जरूरतमंद लोग हैं जो रात को भूखे सोने को विवश हैं और ये बात हमेशा मुझे हमेशा परेशान करती थी। फिर जब मैंने विभिन्न टीवी चैनलों और अखबारों के माध्यम से तब तक हम अलग-अलग सामाजिक गतिविधियों से जुड़े हुए थे लेकिन किसी संगठन का हिस्सा नहीं थे। फिर हम कुछ दोस्तों ने विचार-विमर्श किया कि ज़रूरतमंद लोगों के लिए क्या किया जा सकता है ।

टीम के सदस्य कहते हैं हमने पुराने कपड़े इकट्ठा करने और फिर बांटने से शुरूआत की, रक्तदान शिविरों का आयोजन करना, ब्लड डोनेट करना, पढ़ाई में अच्छे और काबिल छात्रों की आर्थिक मदद करना आदि, सब काम किए। उन्होंने आगे कहा संगठन के बाहर से भी मदद मिलती है। लेकिन किसी महीने थोड़ा ज़्यादा तो कभी कम। बहुत से दान करने वाले लोग है जो अपने बर्थडे पार्टी हो या किसी अन्य फेस्टिवल पर गरीबों का खाना खिलाने का सहयोग करते रहते हैं

रसोई टीम की खासियत:- 

साईं की रसोई में पर्यावरण संरक्षण का खासा ख्याल रखा जाता है इसलिए रसोई में आने वाले लोगों को सखुआ के पत्ते से बने प्लेट में भोजन परोसा जाता है। इसके साथ ही अपने जन्मदिन, शादी की सालगिरह या अन्य मौकों पर रसोई में अपनी सेवा देने आने वाले लोगों को उपहार स्वरूप एक पौधा और गर्मी के मौसम में पक्षियों को दाना-पानी देने के लिए मिट्टी का कोहा भेंट किया जाता है। इसके साथ ही पर्व- त्योहारों के मौके पर रसोई में विशेष भोजन जैसे पूरी, सब्जी, खीर, मिठाई आदि की व्यवस्था की जाती है। इतना ही नहीं जाड़े में साईं की रसोई टीम की ओर से जरूरतमन्दों को गर्म कपड़े व कम्बल भी उपलब्ध करवाये गये हैं।

हलाकि यह काम तो अपने आप में नेक है ही, लेकिन इस काम की पूरी प्रक्रिया भी आपका दिल जीत लेगी – खाना परोसने के बाद भी, टीम इस बात को सुनिश्चित करती है कि खाना बिल्कुल भी बर्बाद न हो। हम अक्सर अपने चारों तरफ हो रहीं समस्याओं पर किसी न किसी को कोसते ही रहते हैं। लेकिन हम में से बहुत ही कम लोग उस समस्या को हल करने के बारे में कोई कदम उठाते हैं। इसीलिए साईं रसोई टीम जैसे कुछ नेक लोग दुनिया में बदलाव ला रहे हैं। यदि साई रसोई टीम के इस प्रयास ने आपके दिल को छुआ है और आप किसी भी तरह से उनकी मदद करना चाहते हैं तो कर सकतें हैं।

साईं की रसोई टीम चलाने वाले :-

किशन गुप्ता- मुख्य संस्थापक, नितेश रंजन- सह संस्थापक, अमित जैसवाल- सह संस्थापक
पंकज कुमार- सह संस्थापक एवम खाद्यमंत्री
निखिल राज- सह संस्थापक एवं कोषाध्यक्ष  समेत टीम के सदस्य अपनी अहम भूमिका निभाते हैं।

साईं भक्तों और युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल, 5 रुपये में मरीजों व जरूरतमंदों को भोजन मुहैया करा रही है – साईं की रसोई ।

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