22 सितम्बर को न्यायालय परिसर में मारपीट की घटना की हुई थी
21 सितम्बर को जमानत कराने आए आरोपित के साथ न्यायालय परिसर मे मारपीट
सैकड़ों की संख्या में आते हैं घटना कर आराम से चले जाते हैं
First Prime: दिल्ली रोहिणी कोर्ट में हुई गोलीबारी के बाद सवाल उठता है कि बेगूसराय न्यायालय कितना सुरक्षित है। जहां लोग झुंड बनाकर आते हैं मारपीट करते हैं आराम से चले जाते हैं । ना तो न्यायालय परिसर आने में कोई जांच-पड़ताल की जाती है ना ही जाने में उनको रोका जाता है। एक ही सप्ताह में दो घटना इसका उदाहरण है। पहली घटना 21 सितंबर का है जब आरोपित न्यायालय में जमानत कराने आए तो विरोधी पक्षकार लगभग 40 आदमी के साथ आए और जमानत कराने आए व्यक्ति के साथ गाली गलौज मारपीट की और आराम से वहां से चलते बने। दूसरी घटना 22 सितंबर का है जब नगर पुलिस आरोपित को रिमांड कराने सीजेएम न्यायालय पहुंची तभी वहां पहले से मौजूद दर्जनों लोग आपस में मारपीट किया इनको भी ना कोई रोकने वाला था ना ही कोई टोकने वाला था।मारपीट की घटना किए और वहां से आराम से चलते बने। ये छोटी घटना बेगूसराय कोर्ट के सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। शाम के वक्त सीजेएम डिवीजन तथा एक्साइज न्यायालय में जा कर देखिए जहां पुलिस आरोपित को रिमांड कराने आती है सैकड़ों लोग वहां पर नजर आयेगे आखिर कौन ये लोग हैं और कैसे न्यायालय परिसर में आराम से घुस गए रिमांड के वक्त इन लोगों का क्या काम है। सुरक्षा गार्ड के नाम पर डीजे डिवीजन में जब आप अंदर जाएंगे तो सुरक्षाकर्मी सिर्फ मास्क पहनने की नसीहत देंगे और आप आराम से अंदर जा सकते हैं। अगर आप मास्क पहने हुए हैं तो अंदर जाने में आपको कोई नहीं रोकेगा ना आपका कोई जांच करेगा। सच्चाई यह है कि बेगूसराय न्यायालय परिसर में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है अब समय आ गया है कि दिल्ली रोहिणी कोर्ट की घटना से सबक लेते हुए बेगूसराय न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त किया जाए। बेगूसराय कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए सर्वप्रथम न्यायालय से सटे सभी सड़क को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करते हुए इसमें व्यवसायिक वाहन के आनै पर रोक लगाई जाए। न्यायालय के मुख्य गेट पर सुरक्षा गार्ड हर आने वाले की सघन तलाशी ले।
राजेश सिंह ,विधि संवाददाता